Saturday, April 30, 2011

mahabharat

महाभारत
एक बार फिर से अभिमन्यु वध हो गया |
युधिष्ठर नैतिकता की दुहाई देते रहे
द्रोपदी का फिर से चीर हरण हो गया.|
अनैतिकता के सामने नैतिकता का
ध्वज फिर तार तार हो गया|
भीष्म के धवल वस्त्र फिर भी न मैले हो सके
सिंहासन की निष्ठा ने उनको फिर बचा लिया|
ध्रतराष्ट्र अंधे हैं गांधारी ने पट्टी बाँधी है
गुरु द्रोण नि: शब्द हैं, सत्ता से उनकी यारी है|
संजय नीति के ज्ञाता हैं, उनको निष्ठां प्यारी है
कर्ण वीर सहन शील बने है दुर्योधन से यारी है|
चक्र व्यूह भेदन के सब नियम बदल गए
अर्जुन और भीम नियमों पर चलते रहे|
दुर्योधन ने नियमों को नया रंग दे दिया
अभिमन्यु का वध कर दुःख प्रकट कर दिया|
शकुनी की कुटिल चालों से
सभी पांडव त्रस्त हैं|
कृष्ण की चालाकियां भी
अब मानो नि: शस्त्र है|

डॉ अ कीर्तिवर्धन
०९९११३२३७३२
kirtivardhan.blogspot,com
box.net/kirtivardhan

Friday, April 29, 2011

samachar

जतन से ओढी चदरिया पर परिच्रर्चा आयोजित
नई दिल्ली- लाल, कला सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना मंच के तत्वाधान में डा. ए. कीर्तिबर्धन द्वारा बुजूर्गो की दशा एवं दिशा पर आधारित,संपादित ग्रन्थ जतन से ओढी चदरिया पर एक परिचर्चा का आयोजन अल्फा शैक्षणिक संस्थान ,स्कूल रोड ,मीठापुर (नियर संतोषी माता मंदिर) ,बदरपुर, नई दिल्ली में आयोजित किया गया । जिसका उदधाट्न स्थानीय निगम पार्षद महेश आवाना एवं श्री राज कुमार अग्रवाल(संपादकः हमारा मेट्रो) द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। इसका संचालन बरिष्ठ साहित्यकार डा.ए.कीर्तिवर्धन ऩे किया । इस कार्यक्रम के संयोजक दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल थे| तथा अध्यक्षता डा. के. के. तिवारी ने किया।
इस परिचर्चा में डा. हरिसिंह पाल (निदेशक-प्रसार भारती), प्रो(डा)हरीश अरोडा, प्रो.(डा.)रवि शर्मा,श्री प्रदीप गर्ग पराग (फरीदाबाद),श्री गाफिल स्वामी(अलीगढ),डा. अजय कुमार भटनागर(मुज्जफर नगर),श्री नासाद औरंगावादी(समस्तीपुर,बिहार), दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल,डा. ए.कीर्तिबर्धन (मुज्जफर नगर),श्री प्रकाश लखानी एवं श्री एन.एल.गोसाईं(फरीदाबाद) आदि १६ विद्वानों ने भाग लिया। सभी ने बुजुर्गो की दशा एवं दिशा पर बोलते हुए कहा कि आज के हालात के लिए स्वयं बुजुर्ग ही जिम्मेदार है क्योंकि बालपन में बच्चों पर ध्यान नही देते जिससे उसे सांस्कारिक घुटी नही मिल पाते है पर बच्चों से उम्मीदों को पाल लेना ही सबसे बडी समस्या की जड बनती जा रही है। श्री लाल बिहारी लाल ने कम्युनिकेशन गैप की पीडा को कुछ यूं कहा कि विरासत संभालने में आजकल के बच्चे भी अपने बाप के भी बाप हो गए हैं।
इस अवसर पर डा. आर. कान्त, डा. सत्य प्रकाश पाठक, श्री मनोज गुप्ता, ,श्री के.पी.सिंह कुवंर,श्री राकेश कन्नौजी,श्री धुरेन्द्र राय, श्री बरुण सर, लोक गायिका सीमा तिवारी, सहित अनेक लेखक एवं सामाज सेवी मौयूद थे।अन्त में धन्यवाद ज्ञापन संस्था की डॉ आर कान्त जी द्वारा किया गया|
कार्यक्रम के उपरांत संस्था की और से जलपान की व्यस्था की गई|
सोनू गुप्ता
(अध्यक्ष) 09868163073

Friday, April 15, 2011

खुदा न बनाओ

खुदा ना बनाओ
मेरे मालिक!
मुझे इंसान बना रहने दो
खुदा ना बनाओ
बना कर खुदा मुझको
अपने रहम ओ करम से
महरूम ना कराओ।
पडा रहने दो मुझको
गुनाहों के दलदल में
ताकि तेरी याद सदा
बनी रहे मेरे दिल मे।
अपनी रहमत की बरसात
मुझ पर करना
मुझे आदमी से बढ़ा कर
इंसान बनने की ताकत देना।
तेरी हिदायतों पर अमल करता रहूँ
मुझे इतनी कुव्वत देना।
तेरे जहाँ को प्यार कर सकूं
मुझे इतनी सिफत देना।

मेरे मालिक!
मुझे खुदा ना बनाना
बस इंसान बने रहने देना।
मुझे डर है कहीं
बनकर खुदा
मैं खुदा को ना भूल जाऊँ
खुदा बनने के गुरुर मे
गुनाह करता चला जाऊँ।

मेरे मालिक!
अपनी मेहरबानी से
मुझे खुदा ना बनाना।
सिर्फ़ अपनी नजरें इनायत से
मुझे इंसान बनाना।
gustaakhi ना होने पाये मुझसे
किसी इंसान की शान मे
मेहरबानी हो तेरी मुझ पर
बना रहूँ इंसान मैं.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
box.net/kirtivardhan
kirtivardhan.blogspot.com
09911323732

Monday, April 11, 2011

परिचर्चा

जतन से ओढ़ी चदरिया पर परिचर्चा

लाल कला,सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना मंच के तत्वाधान मे 'जतन से ओढ़ी चदरिया' जो की डॉ अ कीर्तिवर्धन द्वारा बुजुर्गों की दशा और दिशा पर आधारित ग्रन्थ है,पर दिनांक २४ अप्रैल को परिचर्चा का आयोजन किया गया है|
परिचर्चा मे स्थनीय निगम पार्षद श्री महेश अवाना ,पत्रकार श्री शिव कुमार प्रेमी,श्री देवेन्द्र उपाध्याय,श्री तुलसी नीलकंठ,गाजियाबाद ,श्री प्रदीप गर्ग पराग-फरीदाबाद,श्री गाफिल स्वामी-बुलंदशहर, श्री अजय कुमार भटनागर-मुज़फ्फरनगर,श्री अनुराग मिश्र गैर-बिजनौर,डॉ रवि शर्मा-दिल्ली,डॉ अ कीर्तिवर्धन-मुज़फ्फरनगर,डॉ महेश अरोरा-दिल्ली,श्री लाल बिहारी लाल-बदरपुर,श्री विनोद बब्बर-संपादक-राष्ट्र किंकर-दिल्ली तथा अन्य वक्ता भाग लेंगे|
आप सदर आमंत्रित हैं|आप अपने विचार भी भेज सकते हैं|
स्थान -अल्फा शैक्षणिक संसथान,स्कूल रोड,मीठा पुर,संतोषी माता के मंदिर के पास,बदरपुर,दिल्ली
समय -शाम 4 बजे से
संपर्क -9868163073,९९११३२३७३२
निवेदक-दिल्ली रत्न-लाल बिहारी लाल तथा डॉ अ कीर्तिवर्धन

Saturday, April 2, 2011

सम्मान samachar

समस्तीपुर- मुज़फ्फरनगर उत्तरप्रदेश के जाने माने कवि,लेखक,समीक्षक डॉ अ कीर्तिवर्धन को भारतीय साहित्यकार संसद ,समस्तीपुर द्वारा उनकी कालजयी कृति "सुबह-सवेरे " के लिए वर्ष २०११ का "माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय शिखर सम्मान" प्रदान किया गया| समस्तीपुर के नगर हॉल मे आयोजित भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जिया लाल जी ने की तथा डॉ शैलेश पंडित ने समारोह क उदघाटन किया| शिखर अतिथि के रूप मे जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ स्वामी श्री श्यामानंद सरस्वती जी रहे| विदित हो कि डॉ अ कीर्तिवर्धन की अब तक ६ पुस्तकें मेरी उड़ान,सच्चाई का परिचय पत्र,मुझे इंसान बना दो,दलित चेतना के उभरते स्वर,जतन से ओढ़ी चदरिया प्रकाशित हो चुकी हैं |उनके चर्चित आलेखों का संग्रह "चिंतन बिंदु" प्रकाशनाधीन है| डॉ अ कीर्तिवर्धन के साहित्यक योगदान को द्रष्टिगत करते हुए दिल्ली की प्रतिष्ठित पत्रिका "कल्पान्त" मासिक ने अपना जून २०११ का अंक भी डॉ कीर्तिवर्धन पर केन्द्रित करने का निर्णय लिया है| आप सबसे अनुरोध है की आप डॉ अ कीर्तिवर्धन के विषय मे अपने विचार पत्रिका के अतिथि संपादक डॉ रवि शर्मा ,"सुर सदन", डब्लू -जेड १९८७,रानी बाग़ ,दिल्ली-११००३४ पर ३०-०४-२०११ से पूर्व भेजने की कृपा करें ताकि कल्पान्त के विशेषांक को सम्पूर्णता के साथ प्रकाशित किया जा सके|
डॉ अशोक सिन्हा,
समस्तीपुर

Friday, April 1, 2011

समाचार

समस्तीपुर- मुज़फ्फरनगर उत्तरप्रदेश के जाने माने कवि,लेखक,समीक्षक डॉ अ कीर्तिवर्धन को भारतीय साहित्यकार संसद ,समस्तीपुर द्वारा उनकी कालजयी कृति "सुबह-सवेरे " के लिए वर्ष २०११ का "माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय शिखर सम्मान" प्रदान किया गया| समस्तीपुर के नगर हॉल मे आयोजित भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जिया लाल जी ने की तथा डॉ शैलेश पंडित ने समारोह क उदघाटन किया| शिखर अतिथि के रूप मे जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ स्वामी श्री श्यामानंद सरस्वती जी रहे| विदित हो कि डॉ अ कीर्तिवर्धन की अब तक ६ पुस्तकें मेरी उड़ान,सच्चाई का परिचय पत्र,मुझे इंसान बना दो,दलित चेतना के उभरते स्वर,जतन से ओढ़ी चदरिया प्रकाशित हो चुकी हैं |उनके चर्चित आलेखों का संग्रह "चिंतन बिंदु" प्रकाशनाधीन है| डॉ अ कीर्तिवर्धन के साहित्यक योगदान को द्रष्टिगत करते हुए दिल्ली की प्रतिष्ठित पत्रिका "कल्पान्त" मासिक ने अपना जून २०११ का अंक भी डॉ कीर्तिवर्धन पर केन्द्रित करने का निर्णय लिया है| आप सबसे अनुरोध है की आप डॉ अ कीर्तिवर्धन के विषय मे अपने विचार पत्रिका के अतिथि संपादक डॉ रवि शर्मा ,"सुर सदन", डब्लू -जेड १९८७,रानी बाग़ ,दिल्ली-११००३४ पर ३०-०४-२०११ से पूर्व भेजने की कृपा करें ताकि कल्पान्त के विशेषांक को सम्पूर्णता के साथ प्रकाशित किया जा सके| डॉ अशोक सिन्हा, समस्तीपुर
samaydarpan.com/magazine/march2011/emagazine.अस्प्क्स पर भी आप मुझे पढ़ सकते हैं.यह एक अच्छी पत्रिका है आप भी इससे जुड़ें.

--
Dr. A.Kirti vardhan
09911323732
http://kirtivardhan.blogspot.com/

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