Saturday, July 24, 2010

आस्था के फूल

आस्था के फूल
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं.
लोग अपनों से छले जाते हैं जहाँ मे
छलने से फिर भी घबराते नहीं हैं.
आस्था को आधार बना आगे बढ़ाते जाते हैं
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं.
कुछ लोग बताते हैं "खुदा" खुद को मगर
"खुदा" की मौजूदगी को वो भी ठुकराते नहीं हैं.
तन्हाई मे करते हैं वो बंदगी "खुदा"की
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं.
साथ चलने की खाकर कसम,जिंदगी मे
रहबर छोड़ जाते हैं अक्सर मझधार मे.
इंतजार मे रहती आँखें खुली,मरते वक़्त
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं.
नए दोस्तों से बढाकर नजदीकियां
फिर नए रिश्ते हर पल बनाते हैं.
छलने वाले की बताते हैं मजबूरियां
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं.
Dr. A.Kirti vardhan
09911323732
http://kirtivardhan.blogspot.com/
"मुझे इंसान बना दो " किताब से
मूल्य १००/ रजिस्ट्री डाक से

Thursday, July 22, 2010

आधुनिक बेटी

आधुनिक बेटियां
आज बेटी हुनर बंद हो गयी है
पढ़ लिख कर पैरों पर खड़ी हो गयी है
जो होती थी निर्भर सदा दूसरों पर
आज माँ बाप का सहारा हो गयी है.
साहस से अपने दुनिया बदलकर
हर कदम पर बेटी विजयी हो गयी है.
क्या खोया क्या पाया,जरा यह विचारें
आज बेटी जहाँ मे बेटा हो गयी है.
वात्सल्य और मातृत्व सुख को भुलाकर
पैसों की दौड़ मे बेटी खो गयी है.
चाहती नहीं वह माँ बनना देखो
आज बेटी बंज़र धरती हो गयी है.
बनाये रखने को अपना शारीरिक सौंदर्य
बेटी ही भ्रूण की हत्यारिन हो गयी है.
चाहती आज़ादी सामाजिक मूल्यों से
आज बेटी खुला बाज़ार हो गयी है.
बिन ब्याह संग रहना और नशा करना
आधुनिक बेटी की शान हो गयी है.
जिस घर मे बेटी ब्याह कर गयी है
उस घर मे खड़ी दीवार हो गयी है.
थे प्यारे जो माँ बाप भाई बहन अब तक
आज निगाहें मिलाना दुशवार हो गयी है.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

Sunday, July 11, 2010

माकन और घर

मकान और घर
जिस दिन मकान घर मे बदल जायेगा
सारे शहर का मिजाज़ बदल जायेगा.
जिस दिन चिराग गली मे जल जायेगा
मेरे गावं का अँधेरा छट जायेगा.
आने दो रौशनी तालीम की मेरी बस्ती मे
देखना बस्ती का भी अंदाज़ बदल जाएगा.
रहते हैं जो भाई चारे के साथ गरीबी मे
खुदगर्जी का साया उन पर भी पड़ जाएगा.
दौलत की हबस का असर तो देखना
तन्हाई का दायरा "कीर्ति" बढ़ता जाएगा.
उड़ जायेगी नींद सियासतदानो की
जब आदमी इंसान मे बदल जाएगा.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
९९११३२३७३२
www.kirtivardhan.blogspot.com

Sunday, July 4, 2010

जतन से ओढ़ी चदरिया

बुजुर्गों कि समस्याओं एवं समाधान पर केन्द्रित पुस्तक "जतन से ओढ़ी चदरिया" डॉ अ कीर्तिवर्धन द्वारा सम्पादित मूल्य ३००/
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५३,महालक्ष्मी एन्क्लेव ,मुज़फ्फरनगर-२५१००१ उत्तर प्रदेश
09911323732