____________________अभिमन्यु वध _____________
एक बार फिर से अभिमन्यु वध हो गया .
युधिष्ठर नैतिकता की दुहाई देते रहे
द्रोपदी का फिर से चीर हरण हो गया.
अ नैतिकता के सामने नैतिकता का
ध्वज फिर तार तार हो गया.
भीष्म के धवल वस्त्र फिर भी न मैले हो सके
सिंहासन की निष्ठा ने उनको फिर बचा लिया.
ध्रतराष्ट्र अंधे हैं गांधारी ने पट्टी बाँधी है
गुरु ड्रोन नि शब्द हैं सत्ता से उनकी यारी है
संजय निति के ज्ञाता हैं उनको निष्ठां प्यारी है
कर्ण वीर सहन शील बने है दुर्योधन से यारी है
चक्र व्यूह भेदन के सब नियम बदल गए
अर्जुन और भीम नियमों पर चलते रहे
दुर्योधन ने नियमों को नया रंग दे दिया
अभिमन्यु का वध कर दुःख प्रकट कर दिया
शकुनी की कुटिल चालों से
सभी पांडव त्रस्त हैं
कृष्ण की चालाकियां भी
अब मानो नि शस्त्र है.
Sunday, September 6, 2009
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